Formation of Hindi Subject Council in GNC Sirsa
सिरसा, जम्मू टाइम्स। क्षेत्रीय बोलियों के प्रभाव से विद्यार्थी शब्दों का सही उच्चारण नहीं कर पाते, जैसे श, ष और स इत्यादि। इसी तरह सम्मान, समान और सामान व गृह और ग्रह आदि शब्दों का सही उच्चारण ना कर पाने से शब्दों का अर्थ ही परिवर्तित हो जाता है।
डा. कर्मजी काैर ने रखी अपनी बात
यह विचार राजकीय नेशनल महाविद्यालय, सिरसा में हिंदी विषय परिषद के गठन के लिए आयोजित कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष एवं हिंदी विषय परिषद प्रभारी डा. कर्मजीत कौर ने अपने संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिंदी के शुद्ध उच्चारण हेतु हिंदी भाषा का सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान ज़रूरी है और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हिंदी विषय परिषद का गठन किया गया है। महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डा. हरविंदर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्राचार्य डा. संदीप गोयल की अध्यक्षता व हिंदी विषय परिषद प्रभारी डा. कर्मजीत कौर के संयोजन में उच्चारण प्रतियोगिता के आधार पर सत्र 2024-25 के लिए हिंदी विषय परिषद का गठन किया।
छात्रा नवजीत काैर बनी अध्यक्ष
हिंदी विषय परिषद की इस नवगठित कार्यकारिणी में एमए प्रथम वर्ष की छात्रा नवजीत कौर को अध्यक्ष, एमए द्वितीय वर्ष की छात्रा नीलम को उपाध्यक्ष, एमए द्वितीय वर्ष की छात्रा सीता को सचिव, एमए द्वितीय वर्ष की छात्रा सिमरन को सहसचिव एवं एमए द्वितीय वर्ष के छात्र दयाशंकर को वित्त सचिव चुना गया। इनके अलावा विशाल, मनीष, सुनील, वंदना, सन्नी, सिमरन, वीरपाल, भूपेंद्र को कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किया गया। इस प्रतियोगिता के दौरान प्रो. संदीप और डा. सरोज बाला ने निर्णायकमंडल की भूमिका का निर्वहन किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य डा. संदीप गोयल ने नवगठित कार्यकारिणी के निर्वाचित सदस्यों को मुबारकबाद प्रदान करते हुए उनका आह्वान किया कि वह विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हुए हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रचार प्रसार में अपना यथा संभव सहयोग प्रदान करें।
विजेताओं का जताया आभार
कार्यक्रम के समापन अवसर पर डा. दीपावली ने विजेता प्रतिभागियों सहित सभी उपस्थितजन के प्रति आभार व्यक्त किया। गठन उपरान्त आयोजित बैठक में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में भाषण प्रतियोगिता व कविता प्रतियोगिता करवाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर प्रो. प्रियंका, प्रो. मीनू रानी, प्रो. रमेश, प्रो. राजविंदर कौर के अलावा हिंदी विभाग के विद्यार्थियों ने विशाल संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई।