नई दिल्ली,
उत्तर और पूर्वी भारत के अधिकतर इलाकों में भीषण गर्मी ने तांडव मचाया। इससे बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई और रातें सामान्य से अधिक गर्म रहने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई। 24 घंटों में नोएडा में सात लोगों की मौत हो गई।
पुलिस अभी तक इनकी मौतों के कारणों का पता नहीं लगा पाई है। भीषण गर्मी के कारण बड़ी संख्या में लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जलाशयों और नदियों में जल स्तर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। सिंचाई के लिए पानी की कमी से कुछ क्षेत्रों में खेती पर असर पड़ा है। बिजली ग्रिड पर भारी दबाव है और शॉर्ट सर्किट और आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। आईएमडी के अनुसार उत्तर प्रदेश, दक्षिण उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और उत्तरी मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी की स्थिति बनी हुई है।
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों और उत्तरी मध्य प्रदेश, दक्षिण बिहार और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। भीषण जल संकट से जूझ रही दिल्ली में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर में न्यूनतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो इस समय के लिए सामान्य से कम से कम छह डिग्री अधिक है। मंगलवार दोपहर को राष्ट्रीय राजधानी की अधिकतम बिजली मांग 8,647 मेगावाट तक पहुंच गई जो शहर के लिए अब तक की सबसे अधिक है। दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में गर्मी के कारण लू लगने की समस्या वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है क्योंकि पारा लगातार बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में कम से कम दस स्थानों पर मंगलवार को तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया या उससे अधिक हो गया। उत्तर प्रदेश का ओरई 46.4 डिग्री सेल्सियस के साथ देश का सबसे गर्म स्थान रहा। राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में मंगलवार को दिन के तापमान में सोमवार के मुकाबले मामूली गिरावट के बावजूद गर्मी का असर बरकरार रहा। संगरिया 44.9 डिग्री के साथ राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा। पिछले कुछ हफ्तों में राजस्थान में दो बार तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और दिल्ली में लगातार 36 दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया है।