jammutimesnews(Ambala): हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष में मां भगवती के पावन नवरात्रों पर “मां बाला सुंदरी मंदिर मुलाना” के प्रांगण में भव्य सजावट की गयी है। नवरात्रों के लिए मंदिर कमेटी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस मंदिर की मान्यता केवल मुलाना में ही नहीं, बल्कि दूरदराज के राज्यों तक हैं। यहां उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल और दिल्ली से लोग मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।
नवरात्रों पर मंदिर में भव्य मेले का आयोजन
मंदिर कमेटी के प्रधान ने बताया कि हर वर्ष में दोनों नवरात्रों पर मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर माता बाला सुंदरी के समक्ष शीश जुका कर मुराद मांगते हैं। प्रधान ने बताया कि इस बार चौदह दिवसीय नवरात्र मेला 9 अप्रैल से आरंभ होकर 23 अप्रैल तक रहेगा। इस दौरान 15 अप्रैल को सप्तमी वाले दिन मंदिर प्रांगण में हर साल की तरह हवन यज्ञ होगा। 16 अप्रैल को रामायण पाठ का शुभारंभ होगा। और 17 अप्रैल को राम नवमी के पावन अवसर पर रामायण पाठ संपन्न होगा। मां भगवती के जागरण का आयोजन 21 अप्रैल को किया जाएगा। और 23 अप्रैल को हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। एस्के साथ ही 22 अप्रैल को कुश्तियों का आयोजन होगा। इसमें दूरदराज से पहलवान पहुंचकर अपना दमखम दिखाएंगे। इसके अलावा मेले में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क कमरे उपलब्ध किए जाएंगे। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए जल सहित अन्य सुविधाओं की तैयारी भी पूर्ण की जा चुकी है।
माता बाला सुंदरी मंदिर का सैकड़ों वर्ष पुराना इतिहास
राजस्थानी भाटों के अनुसार माता बाला सुंदरी मंदिर मुलाना में वर्ष 1426 में माता की पिंडी स्थापित की थी। माता ने वर्ष 1425 में मुलाना के सोराज सिंह को सपने में कन्या रूप में दर्शन देकर मुलाना में मंदिर बनाने के लिए कहा। सोराज सिंह ने 1426 में माता बाला सुंदरी की पिंडी को मंदिर बनाकर स्थापित किया। तब से माता बाला सुंदरी की कृपा मुलानावासियों पर बरस रही है।
माता बाला सुंदरी मंदिर की स्थापना
ग्रामीणों के अनुसार सैकड़ों वर्ष पहले मुलाना में महामारी फैल गई। इस कारण प्रतिदिन किसी न किसी की मौत होने लगी। लोगों ने सभी उपचार कराए, परंतु कोई असर न हुआ और मौत का तांडव उसी प्रकार जारी रहा। इसी दौरान मारकंडा नदी में एक चूड़ियां बेचने वाले को एक कन्या मिली, जिसने चूड़ियां बेचने वाले से चूड़ियों की जिद की। जब उस कन्या की दोनों बाजुओं में चूड़ियां डाल दी तो कन्या ने तीसरी बाजू निकाल ली। इससे वह चूड़ियां बेचने वाला डर गया। उस कन्या ने कहा कि वह गांव के नंबरदार के सपने में आकर अपने आने का कारण बताएगी। फिर रात को गांव के नंबरदार सोराज सिंह के सपने में मां भगवती माता बाला सुंदरी आई और मुलाना में मंदिर बनाने की बात कही। इसके बाद मुलाना में माता बाला सुंदरी का भव्य दरबार सजाया गया। बताया जाता है कि मंदिर स्थापना के बाद ही मुलाना से महामारी छूमंतर हो गई। तब से श्रद्धालु दूरदराज के इलाकों से माता बाला सुंदरी मंदिर मुलाना के प्रांगण में देवी मां का आशीर्वाद लेने व मन्नतें मांगने आते हैं।
सुरक्षा का विशेष प्रबंध
मंदिर कमेटी ने मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कमेटी सचिव अशोक राणा ने बताया कि श्रद्धालुओं और मंदिर की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए मेले में 40 सीसीटीवी से शरारती तत्वों पर पैनी नजर रखी जाएगी। वहीं, स्थानीय पुलिस प्रशासन भी चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेगा।
51 फुट ऊंची शिव की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र
मुलाना मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर सरोवर पर 40 लाख रुपये के खर्च से बनाई गई 51 फुट ऊंची शिव शंकर की प्रतिमा व प्रतिमा के मध्य स्थित पशुपतिनाथ का नवनिर्मित मंदिर आकर्षण का केंद्र होगा।
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