I.N.D.I Alliance: बेंगलुरु बैठक के बाद ही तय हो गई थी ममता की ये रणनीति, भ्रष्टाचार और हिंसा से लड़कर ही बनाया है। ऐसे में उनके लिए जनता को यह समझाना आसान नहीं होगा कि वे किन कारणों से वाम दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में उतर रहे हैं… ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने घोषणा कर दी कि उनकी बात न मानने के कारण वे अकेले चुनाव में उतरने का फैसला किया हैं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, इंडिया गठबंधन की बेंगलुरु बैठक के समय ही ममता बनर्जी ने यह साफ कर दिया था कि वे पश्चिम बंगाल में वामदलों के साथ चुनाव में नहीं उतर सकतीं। कांग्रेस से भी उनका सीटों को लेकर मतभेद सामने आ गया था। तीनों दलों के बीच उसी समय यह तय हो गया था कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस या वामदलों का खुले तौर पर कोई समझौता नहीं होगा।