Priyanka Gandhi: Education structure handed over to the corrupt
नई दिल्ली, जम्मू टाइम्स न्यूज। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार में समूची शिक्षा का ढांचा माफियाओं-भ्रष्टाचारियों के हवाले है। प्रियंका ने एक्स पर कहा कि नीट (यूजी) का पेपर लीक हो गया, नीट (PG) की परीक्षा रद्द हो गई, यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द हो गई और सीएसआईआर नेट की परीक्षा रद्द हो गई।
देश की सबसे बड़ी परीक्षा का ये हाल
उन्होंने लिखा कि आज ये देश की कुछ सबसे बड़ी परीक्षाओं का हाल है। भाजपा राज में समूची शिक्षा का ढांचा माफियाओं-भ्रष्टाचारियों के हवाले हो चुका है। लालची और चाटुकार किस्म के अयोग्य लोगों के हाथ में देश की शिक्षा और बच्चों का भविष्य सौंप देने की राजनीतिक जिद और अहंकार ने पेपर लीक, परीक्षा रद्द, कैंपसों से पढ़ाई-लिखाई का विलोप और राजनीतिक गुंडागर्दी को हमारी शिक्षा-व्यवस्था की पहचान बना दिया है।
प्रियंका ने ये किया पोस्ट
भाजपा राज में समूची शिक्षा का ढाँचा माफियाओं-भ्रष्टाचारियों के हवाले हो चुका है। लालची और चाटुकार किस्म के अयोग्य लोगों के हाथ में देश की शिक्षा और बच्चों…
—Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 23, 2024
काबिल युवा की हालत ऐसी
उन्होंने कहा कि हालत यह हो गई है कि भाजपा सरकार साफ-सुथरे ढंग से एक परीक्षा तक नहीं करा सकती। आज युवाओं के भविष्य के सामने भाजपा सरकार एकमात्र सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ी हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘देश के काबिल युवा अपना सबसे कीमती समय, सारी ऊर्ज भाजपा के भ्रष्टाचार से लड़ने में गवां रहे हैं और मजबूर मोदी जी सिर्फ तमाशा देख रहे हैं।‘
फेरबदल शिक्षा प्रणाली का हल नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नीट घोटाले की जिम्मेदारी मोदी सरकार के शीर्ष नेताओं पर है। नौकरशाहों में फेरबदल करना भाजपा द्वारा बर्बाद की गई शिक्षा प्रणाली की समस्या का समाधान नहीं है।‘ उन्होंने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को एक स्वायत्त निकाय के रूप में लाने का प्रस्ताव था, लेकिन वास्तव में इसे भाजपा/आरएसएस के हितों की पूर्ति के लिए बनाया गया है।
10 दिन में चार परीक्षाएं रद्द
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि छात्रों को न्याय दिलाने के लिए मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। अब, नीट (पीजी) परीक्षा स्थगित कर दी गई है। पिछले 10 दिन में चार परीक्षाएं या तो रद्द या फिर स्थगित कर दी गई हैं। पेपर लीक, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं और शिक्षा माफिया ने हमारी शिक्षा प्रणाली में घुसपैठ कर ली है। देर से की गई, इस कवायद का कोई परिणाम नहीं है क्योंकि अनगिनत युवा इससे पीड़ित होते रहेंगे।