16 फरवरी को भारत बंद के आह्वान के चलते पीएसईबी ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा है कि परीक्षार्थी एक घंटा पहले पहुंचने की कोशिश की जाए, जिस से पेपर में कोई प्रॉब्लम न आएं। भारत बंद के चलते कोई भी बोर्ड का पेपर मुल्तवी नहीं किया गया।
भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट भी किसान आंदोलन में कूद गया है। भले ही पंजाब सीमा पर डटे किसानों के साथ चढ़ूनी गुट से जुड़े किसान नहीं दिखाई देंगे, लेकिन उनकी मांगों के समर्थन में लगातार सड़कों पर उतरेंगे। कल शुक्रवार को प्रदेश के सभी टोल प्लाजा दोपहर 12 से शाम तीन बजे तक फ्री कराए जाएंगे तो वहीं अगले दिन शनिवार को तहसील स्तर पर ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। वहीं शनिवार को प्रदेशभर में तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च भी निकाला जाएगा। किसानों के समर्थन में दिल्ली के किसान शुक्रवार को औचंदी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष दलजीत सिंह का कहना है कि दिल्ली के किसानों ने ग्रामीण भारत बंद का समर्थन किया है और शुक्रवार को कोई काम नहीं करेगा। शुक्रवार को औचंदी बॉर्डर पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए। किसान अपना अधिकार ही मांग रहे हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि कल यानी 16 फरवरी को किसान खेतों में कार्य न करें। भाकियू जिले में दस प्वाइंट बनाकर धरना प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि कल मजदूर भी हड़ताल पर रहेंगे। मजदूरों के हड़ताल पर रहने से निर्माण संबंधी कार्यों में लोगों को व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है। किसानों आंदोलन से दिल्ली के बाजारों पर असर पड़ने का अंदेशा कम है। दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने भारत बंद से खुद को अलग कर लिया है। उनका कहना है कि सभी 700 बाजार और 56 औद्योगिक क्षेत्र खुले रहेंगे। गुरुवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने व्यापारियों और उद्यमियों से बैठक के बाद एलान किया है कि दिल्ली में भारत बंद का कोई असर नहीं होगा। दो दिनों से अलग-अलग बाजारों के संगठनों से इस विषय पर चर्चा की गई है।